वैसे अगर आप महाराष्ट्र या कोंकण प्रदेश से हैं तो आपने रागी (Ragi) के आटे से बना हुआ भाकरी जरूर खाया होगा पर क्या आप जानते हैं कि रागी में रहनेवाले कई सारे पोषक तत्वों हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी है जो हमारे हड्डीओं को मजबूती देने से लेकर प्रोटीन की मात्रा सही बनाय रखता है| कैल्शियम की मात्रा को सही बनाय रखने के लिए भी रागी खाना बहुत ही अच्छा होता है| साथ ही यह मधुमेह समस्या में भी काफी लाभदायक होता हैं|
रागी खासकर भारत के पश्चिम क्षेत्र में सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जाती है| ग्लूटिन की मात्रा इसमें ना होने की कारण यह उनके लिए एक बहुत ही अच्छा स्रोत हैं जो ग्लूटन पचा नहीं पाते हैं| पर रागी का ज्यादा इस्तेमाल करने से एसिडिटी की समस्या भी हो जाती है कई समय तो इसका ध्यान जरूर रखे|
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एनीमिया से दूर रखता है रागी – Ragi Benefit For Anemia
रागी में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है जो हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन बनाने में मदत करता है और खून की कमी सम्बन्धी समस्या को दूर करता है| अगर आप आसानी से एनीमिया की समस्या से निपतना चाहते हैं तो रागी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होगा आपके लिए| रोज अगर आप एक रागी से बनी रोटी भी लेते हैं तो भी यह बहुत ही फायदा देगा आपके शरीर में खून बनाने में|
हड्डीयों को मजबूत करता है रागी – Ragi Benefit For Bones
रागी के आटे में सही और पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मौजूद है जो हमारे हड्डीओं को मजबूत करने में बहुत ही मदत करता हैं| अगर 100 ग्राम के हिसाब से देखा जाये तो उसमे 344 मिग्रा कैल्शियम होता है जो हड्डीयों के लिए बहुत ही सही होता है| उम्र तीस होने की बाद से हड्डीयों में कमजोरी आने लगती हैं तो इस समय रागी से बनी खिचड़ी एक बहुत ही अच्छा पोषक खाना हो सकता है आपके हड्डीओं के लिए|
वजन कम करने में करता है मदत – Ragi Benefit For Weight Loss
रागी में प्राकृतिक फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है जो हमारे वजन को कम करने के लिए बहुत ही लाभकारी होता है| क्यों कि इसके प्राकृतिक फैट बहुत समय तक पेट को भरा हुआ रखता है शरीर में पोषण को कम किये बिना जिससे भूख बहुत ही कम लगती है| इसलिए अगर आप आसान और घरेलु उपाय से अपना वजन कम करना चाहते हैं तो रागी उसके लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है|
मधुमेह के लिए बहुत ही उपकारी है रागी – Ragi Benefit For Diabetes
बाजरे में उपस्थित पोषक तत्वों पाचन की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक होता है| मधुमेह की रोगिओं के लिए यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रण करने में सहायक होता है जिससे रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ नहीं पाती है| मधुमेह के ग्रसित लोग रागी की रोटी सेवन कर सकते हैं जो की बहुत ही लाभदायक होगा|
हमे तनाव मुक्त रखता है रागी – Ragi Benefit For Depression
अगर आप अपने काम को लेकर बहुत ही ज्यादा परेशान रहते हैं और साथ ही होना चाहते हैं तनाव मुक्त तो रागी आपके लिए एक बहुत ही अच्छा खाना हो सकता है| रोज रागी के सेवन से चिंता, तनाव यह सब कम होने लगता है| दरअसल इसमें एमिनो एसिड के साथ साथ एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होती है जो प्राकृतिक तरीके से हमे तनाव मुक्त रखने में मदत करता है|
माइग्रेन को रागी करता है माइग्रेन को कम – Ragi Benefit For Migraine
आजकल ज्यादातर रात जागना और जीवनशैली के कारण कई तरह के बीमारी का सामना हमे करना ही होता है उसमें से एक आम बीमारी है माइग्रेन| कहा जाता है कि यह एक लाइफस्टाइल बीमारी है| पर रागी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स माइग्रेन को नियंत्रण में रखने में मदत करता है साथ में यह तनाव मुक्त करके भी दिमाग को शांत रखता है|
त्वचा में निखार बनाय रखता है रागी – Ragi Benefit For Glowing Skin
रागी त्वचा के लिए भी बहुत ही असरदार होता है| यह त्वचा में निखार बनाय रखता है और हमेशा चमकदार बनाय रखने में भी मदत करता है| इसमें मौजूद मिथायोनिन और लाइसिन त्वचा में आनेवाले झुर्रिया आने से भी बचाता है| असल में यह त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा होता है क्यों कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसे जवां रखना है|
पाचन होगा आसान – Ragi Benefit For Digestion
रागी पेट और पाचन प्रक्रिया को ठीक रखने में करता है मदत| इसमें ऐल्कलाइन मौजूद होने की कारण यह खाना जल्दी पचने में मदत करता है| वैसे पेट खराब होने से कई तरह के अन्य समस्याएं भी हो सकती है जैसे कमजोरी हो जाना, इसलिए रागी का सेवन पेट भरने के साथ साथ पोषण भी देना है और पाचन को भी सही रखता है|
कुछ सावधानी – Precautions about Ragi
वैसे तो रागी बहुत ही पोषक खाना है पर अगर आपको बहुत ज्यादा एसिडिटी या फिर किडनी स्टोन की समस्या है तो आपको रागी का सेवन नहीं करना चाहिए|
रागी के आटे का उपयोग – Use Of Ragi
- रागी का आटा बहुत ही पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसलिए अगर आप इसके रोटी बनाकर सब्जियों के साथ खाते हैं तो यह बहुत ही अच्छा होता है|
- रागी के आटे से बहुत ही स्वादिष्ट डोसा बनाई जा सकती है| और इसके साथ साथ इसके उत्तपम बनाकर भी आप खा सकते हैं|
- महाराष्ट्र में इससे भाकरी बनाकर खाया जाता है|
- दक्षिण में कई जगह पर इसका उपमा भी बनाकर खाया जाता है|
रागी में मौजूद पोषक तत्वों – Nutrition Benefit Of Ragi
- Carbohydrate (कार्बोहायड्रेट) – 6mg/G
- Protein (प्रोटीन) – 7 Mg/G
- Fibre (फाइबर) – 6mg/G
- Fat (बसा) -3 Mg/G
- Calcium (कैल्शियम) – 350 Mg/G
- Iron (आयरन) – 9mg/G
- Niacin (नियासिन) – 1mg/G
- Thiamin (थायमिन) – 42mg/G
- Riboflavin (राइबोफ्लेविन) – 19mg/G
- Leucine (लेउसने) – 594mg/G
- Valine (वालीने) – 413mg/G
- Phenylalanin (फेनीलालनीन) – 325mg/G
- Isoleucine (इसोलेउसीने) – 275Mg/G
- Threonine (थ्रेओनीन) – 263mg/G
- Methionine (मेथिओनीन) – 194mg/G
- Tryptophan (ट्रीप्टोफन) – 191mg/G
- Lysine (लिइने) – 181mg/G
- Cystine (सिस्टिने) – 163 Mg/G
Reference – Food.ndtv.com
Amitandu Biswas is a passionate author with a keen interest in health and culture-related topics. Subsequent to completing his education from University of Calcutta, Amitandu has served in various capacities within the content and media creation as a Content leader with The Viral Shots, Sub-editor with CTVN – Plus and Reported with Ganobikash, Kolkata.
He has published numerous articles in various magazines, authored a book and published many thoroughly researched articles on health and fitness-related topics on HealthClues.
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